अधिगम (सीखना) का अर्थ , प्रभावित करने वाले करक
अधिगम (Learning) मनुष्य में सीखने का क्रम जन्म से मृत्यु तक चलता रहता है। कुछ सीखने के बाद मानव अनुभवों के आधार पर कार्यरूप देने का प्रयास करता है जिससे उसके व्यवहार में परिवर्तन आता है। व्यवहार में होने वाले इन परिवर्तनों को ही सीखना अथवा अधिगम कहते है। वास्तव में सीखने की प्रक्रिया व्यक्ति की शक्ति और रुचि के कारण विकसित होती है। बच्चों में स्वयं अनुभूति द्वारा भी सीखने की प्रक्रिया होती है, जैसे-बालक किसी जलती वस्तु को छूने का प्रयास करता है और छूने के बाद की अनुभूति से वह यह निष्कर्ष निकालता है कि जलती हुई वस्तु को छूना नहीं चाहिए। अधिगम की यह प्रक्रिया सदैव एक समान नही रहती है। इसमें प्ररेणा के द्वारा वृद्धि एवं प्रभावित करने वाले कारकों से इसकी गति धीमी पड़ जाती है। वुडवर्थ के अनुसार ‘‘नवीन ज्ञान और नवीन प्रतिक्रियाओं को प्राप्त करने की प्रक्रिया सीखने की प्रक्रिया है।‘‘ क्रो एण्ड क्रो के अनुसार ‘‘सीखना, आदतों, ज्ञान और अभिवृत्तियों का अर्जन है।‘‘ स्किनर के अनुसार ‘‘सीखना, व्यवहार में उत्तरोत्तर सामंजस्य की एक प्रक्रिया है।‘‘ उपर्युक्त अर्थ एवं परिभाषा के आधार पर सीखने