व्यक्तित्व परीक्षण के तरीके एवं समायोजन के उपाय
मानव विकास के साथ-साथ उसके व्यक्तित्व का निर्धारण करना एक समस्या रही है। वर्तमान समय में सम्पूर्ण व्यक्तित्व का मूल्यांकन आवश्यक नहीं माना जाता है, बल्कि किसी प्रयोजन हेतु व्यक्तित्व का मापन आवश्यक होता है। अतः व्यक्तित्व मापन की विभिन्न विधियाँ अलग-अलग प्रयोजनों में प्रयोग की जाती है। व्यक्तित्व परीक्षण या मापन की विधियाँ- व्यक्तित्व के मापन को तीन प्रकार की विधियों में बाँटा जा सकता है, जो निम्नलिखित है -
- आत्मनिष्ठ विधियाँ 2. वस्तुनिष्ठ विधियाँ 3. प्रक्षेपण विधियाँ
- अप्रत्यक्ष विधियाँ (Indirect Methods) मानसिक सामान्यता को बनाये रखने के लिए व्यक्ति को अचेतन क्रियाओं की भी सहायता लेनी पड़ती है। अतः अप्रत्यक्ष उपाय वे हैं, जिन्हें वह अचेतन रूप से अपनाता है। तनावपूर्ण परिस्थिति एवं दुःख से बचने के लिए अप्रत्यक्ष उपायों का प्रयोग किया जाता है। इसको मनोवैज्ञानिक ‘सुरक्षा प्रक्रियाएँ’ कहते हैं क्योंकि वे व्यक्ति के आत्मसम्मान की रक्षा करती हैं तथा उसका बचाव उस समय करती हैं जब वह निराशा के कारण चिन्ताग्रस्त होता है, अतः अप्रत्यक्ष विधियाँ निम्नलिखित हैं-
- क्षतिपूरक विधियाँ (compensatory Methods) यह प्रकृति का नियम है कि वह मानव को किसी क्षेत्र में सफल और किसी में असफल बताती है। अतः जब वह एक क्षेत्र में असफल या स्वयं में कमी अनुभव करता है तो अन्य क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर लेता है। इस प्रकार से उत्पन्न तनाव समाप्त हो जाता है। इस विधि को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष दोनो ही विधियों को प्रयोग में लाया जाता है।
- आक्रामक विधियाँ (Aggressive Methods) आक्रामक विधि से तात्पर्य व्यक्ति द्वारा उत्पन्न विरोधात्मक व्यवहार से है, जिसमें उसके द्वारा बाधा या रूकावट का आक्रामक व्यवहार के द्वारा सामना किया जाता है। इस विधि से व्यक्ति का मानसिक तनाव शिथिल होकर समाप्त हो जाता है। आक्रामक उपायों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष दो रूपों मे प्रयोग किया जाता है । प्रत्यक्ष आक्रामकता वह है, जिसमें व्यक्ति उसी व्यक्ति या वस्तु पर आक्रामण करता है जो उसके असन्तोष का कारण होता है। ‘अप्रत्यक्ष आक्रामकता‘ वह है जिसमें व्यक्ति असन्तोषजनक परिस्थिति पर आक्रमण न करके अन्य ढंग से आक्रामक व्यवहार करके मानसिक तनाव को दूर करते हैं।
- व्यक्तित्व मापन की विधियों को समझाइये ?
- समायोजन का अर्थ स्पष्ट कीजिए तथा समायोजन की प्रविधियों पर प्रकाश डालिए ?
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