बाल विकास की अवस्थाएं (शैशवावस्था, बाल्यावस्था, किशोरावस्था) एवं इनके अन्तर्गत होने वाले विकास(ups1bv)

मानव का विकास निश्चित अवस्थाओं में होता है। विकास की प्रत्येक अवस्था की विशेषताएं होती है। मनोवैज्ञानिकों ने अपनी सुविधानुसार विकास को विभिन्न अवस्थाओं में  बांटकर उनमें होने वाले परिवर्तनों  और विशेषताओं को  पहचानकर यह स्पष्ट कर दिया, कि बालक का विकास एक अवस्था से दूसरी अवस्था में अचानक नहीं होता, बल्कि विकास की गति स्वाभाविक रूप से क्रमशः होती रहती है। इन्हें मुख्य रूप से तीन अवस्थाओं में बांटा गया है-

शैशवावस्था (जन्म से 5 वर्ष तक)

बाल्यावस्था (5 से 12 वर्ष)

किशोरावास्था (12 से 18 वर्ष)

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